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बुधवार, 22 दिसंबर 2010

एक लम्हां

सुधीर और सलोनी एक ही कॉलेज से पढ़े थे और एक दूसरे को कॉलेज के दिनों से जानते थे..
पसंद एक दूसरे को दोनों करते थे पर कभी इज़हार नहीं किया.. एक दूसरे के बोलने का इन्तज़ार करते रहे..

एक बार सलोनी किसी व्यावसायिक यात्रा पर सुधीर के शहर आई तो दोनों ने मिलने का कार्यक्रम तय किया..

दोनों मिलकर बहुत खुश हुए और कुछ वक्त गुजरने के बाद दोनों ने लॉन्ग ड्राईव पर जाने की सोची..
कार में दोनों चल पड़े और कुछ देर में सुधीर का मोबाइल बजा.. उसने अनायास ही कार चलाते-चलाते मोबाइल उठा कर बात शुरू कर दी कि अचानक से सामने चल रही ट्रक ने ब्रेक लगा दिए..

इससे पहले कि सुधीर कुछ समझता.. उसकी कार भिड़ चुकी थी..

अस्पताल में जब आँखें खुली तो पता चला कि सलोनी इतनी बुरी तरह से ज़ख़्मी हुई है कि बस अब जान मात्र ही बची है.. न सुन सकती है, न देख सकती है, न बोल सकती है.. जिंदा लाश बन गयी थी वो..

सुधीर अपनी जिंदगी को कोसते हुए उस एक लम्हें को तलाशता रहा जब वह सलोनी को फिर से जिंदगी दे सके, अपने दिल की बात कह सके.. 
और सलोनी अपनी किस्मत पे तरस खाते हुए उस एक लम्हें को तलाशती रही जब वह अपने दिल की बात सुधीर को बता सके..

पर अब ऐसा नहीं हो सकता था...
उस एक लम्हें की एक छोटी सी भूल, एक छोटा सा लम्हां, आज दोनों को बेबस और अपंग बना गया था..

मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

रजनी चालीसा

आज कल रजनीकांत पर बहुत सारे एस.एम.एस और दो लाईना बन रहे हैं.. भैया अब वो हैं ही ऐसे कमाल के..६१ साल में ऐसे-ऐसे कारनामे अपनी फिल्मों में जो करते हैं.. नव-कलाकारों की तो सिट्टीयां और पिट्टीयां सब गुम हो गए हैं.. रजनीकांत ने जितनी मेहनत और निष्ठां से फ़िल्मी जगत को एक से बढ़ कर एक सुपर-हिट पिक्चरें दी हैं.. जितनी सराहना हो, कम है..
पर जनाब इनके ऊपर बन रहे एस.एम्.एसों ने तो धमाल ही मचा रखा है.. ऐसा कहना गलत होगा कि इन सब एस.एम्.एसों में उनके खिलाफ कुछ कहा जा रहा है... बस कुछ हंसी-मज़ाक और क्या?
वो कहते हैं न - "जो चुटकुला आप पर बने और जिसे सुनकर हज़ारों लोग हँसे.. उससे बेहतर चुटकुला दुनिया में नहीं है.. कम से कम आप पर ही सही.. पर इतने लोग हँसे तो सही"

तो मैंने भी सोचा कि चंद पंक्तियाँ लिखूं इस महान कलाकार पर:
(आप सब से गुजारिश है कि इसे अच्छी मंशा में ही लें.. मैं किसी के खिलाफ कुछ नहीं लिख रहा हूँ)
तो रजनीजी के ऊपर प्रस्तुत है..

"रजनी चालीसा"
चाहे मुन्नी कितनी भी बदनाम हो
चाहे शीला की जवानी पूरी चढ़ी परवान हो
चाहे ए.सी.पी प्रद्युमन उसपर बन रहे एसेमेसों से परेशान हो
पर पूरी दुनिया फिर भी कहेगी..
Oh My रजनी Only तुस्सी महान हो!
पूरे भारत की शान हो!
Einstein के लिए बेईमान हो!
Newton के लिए हैवान हो!
Surprises की खान हो!
दुनिया की श्रृष्टि-गान हो!
मुर्दों में दौड़ती जान हो!
बेसुरों की टोली की तान हो!
इंजीनियरिंग कॉलेज के मेस की नान हो!
रात को लेते जल-पान(नाश्ता) हो!
Tsunami के सामने उफान हो!
मूक के लिए ज़बान हो!
बहरे के लिए कान हो!
सूरज को Supply करने वाले भान हो!
Even राखी के लिए मान हो!
पानी में तैरता वायुयान हो!
कुम्भ में वीरान हो!
गिनीज़ बुक के लिए हैरान हो!
साइकिल के लिए कटने वाली चलान हो!
दुनिया की सबसे समतल ढलान हो!
खली के लिए पहलवानी की दुकान हो!
रिकी पॉन्टिंग को लगे, उससे भी बड़े बेईमान हो!
ब्रैड पिट से भी ज्यादा जवान हो!
पर जो भी हो...
Completely Made In हिंदुस्तान हो!
और हम सब के लिए धरती वाले भगवान हो!
Oh My रजनी.. तुस्सी Gr8 हो! महान हो!